शायद सच ही कहते हैं।
कुछ ज्यादा ही कमज़ोर हो गया हूँ मै।
तुम्हारे नाम के नीचे वाली हरी बत्ती देख के आज भी धडकने तेज़ हो जाती हैं,
और उसके बुझते ही उतनी ही तेज़ी से दिल वापस मायूस हो जाता है।
मुझे तोड़ने के लिए बस इतना असला ही काफी है।
कुछ ज्यादा ही कमज़ोर हो गया हूँ मै।
तुम्हारे नाम के नीचे वाली हरी बत्ती देख के आज भी धडकने तेज़ हो जाती हैं,
और उसके बुझते ही उतनी ही तेज़ी से दिल वापस मायूस हो जाता है।
मुझे तोड़ने के लिए बस इतना असला ही काफी है।