इसीलिए मैं तेरे बिछड़ने पे सुगुवार नही, सुकून पहली जरूरत है, तेरा प्यार नहीं जवाब ढूंढने में उम्र मत गवां देना, सवाल करती है दुनिया, ऐतबार नहीं मेरे भरोसे पे कश्ती बनाना मत छोड़ो, नदी में जाना है मुझको, नदी के पार नहीं।
मन उलझा है अजीब सी उलझनों में और तुम भी तो नहीं हो कि सिर टिका दूँ, तुम्हारे काँधे पर, और कस के पकड़ के तुम्हारा हाथ, बंद कर लूँ अपनी आँखें इस विश्वास के साथ कि तुम हो ना और तुम रहोगी यूँ ही हमेशा मेरे साथ…